आकाशवाणी का जलवा अब भी कहीं कम नहीं हुआ है। अनेक पीढ़ियां रेडियो सुनकर जवान हुई कुछ बुढा भी गयीं। संवाद में तेजी लाने के उद्देश्य से आकाशवाणी ने शनिवार को अपने सभी केन्द्रों को मुख्यालय सेजोड़ने रेडियों कांफ्रेंसिंग शुरू की। कार्यक्षमता बढ़ने यह एक बेहतर पहल है। मार्केटिंग के इस चरम दौर में आकाशवाणी की आर्थिक रीढ़ मजबूत करने भी यह जरूरी है ,लेकिन इन दिनों टीवी मेनिया की वजह से आकाशवाणी को श्रोताओं को जोड़ने के लिहाज से अधिक मजबूत कार्य योजना की बनाने की आवश्यकता है। इस उद्देश्य से प्रत्येक आकाशवाणी केंद्र के माध्यम से श्रोता अनुसन्धान कार्य योजना तय की जाये। घरेलू नेटवर्किंग सुविधा के लिए सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर बधाई के पात्र हैं। फिर भी सुदूरवर्ती क्षेत्रों में आकाशवाणी की लोकप्रियता के बावजूद नए परिवर्तनों के प्रति श्रोता अब भी अनजान हैं । कार्यक्रमों के लिए टारगेट, विबिन्न कंपनियों से निजी स्तर पर टाइअप आकाशवाणी की ओर से श्रोताओं जागृति कार्यक्रम जाएँ। तभी आकाशवाणी श्रोताओं के भी आएंगे-अच्छे दिन!---शुभकामनायें
2:53 am
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