चुटकी भर गुलाल-1रंग भरे मौसम से रंग चुरा के...(चौराहे पर मजमा फिट है.बच्चे...जवान और बुजुर्ग ... छोकरे और छोकरियाँ सभी मजमा देखने में फिट हैं.तभी तो उस्ताद का मजमा हिट है भाई! ये मजमा होली के दौरान का है.भीड़ में मौज…Read More
वेलेंटाइन -1मै किस्से को हकीकत में बदल बैठा तो हंगामा.... !
जींस -टॉप..कार्गो टी शर्ट...फंकी-शंकी लुक वाले नौजवान छोकरों और बोल्ड ,ब्यूटीफुल और बिंदास लड़कियों से घिरा था मैं.भाई, कुछ भी बोलो मुझे तो …Read More
कांच के आदमीकांच के आदमी दरअसल इस शीर्षक की कविता का जन्म एक छोटे से किस्से से हुआ . मेरे एक मित्र स्व. प्रो. रघुनाथ प्रधान चौकसे इंजीनियरिंग कालेज में पढ़ाते थे. अपने आठ साल के बेटे…Read More
वेलेंटाइन -2न हारा है इश्क ,न दुनिया थकी है दीया जल रहा है ,हवा चल रही है चरागों के बदले मकां जल रहे हैंनया है जमाना ,तो नई रौशनी है
खुमार बाराबंक्वी के इस अलमस्त मौजूं शेर ने क्या समां बंधा है! व…Read More
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