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किसने भीगी हुई जुल्फों से झटका पानी झूम के आई घटा ,टूट के बरसा पानी किसने भीगी हुई जुल्फों से झटका पानी झूम के आई घटा ,टूट के बरसा पानी ==================================================== खुली खिड़की के रोशन चौरस टुकड़े से बाहर सब कुछ नजर आ रहा था -साफ़… Read More
दुखवा मैं कसे कहूं मोरी सखी!! दुखवा मैं कसे कहूं मोरी सखी!!! प्रिय सखी सच कहती हूँ... मेरी तकदीर में सुख कम दुःख ज्यादा लिखे हैं.अक्सर सफ़र पर ही रहती हूँ.कभी शहर के भीतर तो कभी लम्बे सफ़र पर....छोटे शहर से बड़े शहर… Read More
अपनी ही साँसों का कैदी, रेशम का यह शायर शहतूत की शाख पे बैठा कोई … Read More
जुल्म सहना भी जुर्म है यारों ! जुल्म सहना भी जुर्म है यारों। हर तरफ जुर्म ही जुर्म।.. प्रिंट मीडिया हो या इलेक्ट्रानिक मीडिया&nbs… Read More
1:26 am
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