सोमवार, 4 जुलाई 2016

बिलासपुर मूल के गायक-संगीतकार अरनब चटर्जी की जिंदगी के साज पर सवालों की आवाज

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" हमारे देश में बहुत गुणी  कलाकार हैं और संगीत को प्रोत्साहन मिलता हुआ देखा जा रहा   है"
बिलासपुर मूल के गायक-संगीतकार अरनब  चटर्जी  की  जिंदगी के साज   पर सवालों की आवाज

"छोटी सी ये दुनिया ,पहचाने रास्ते हैं, कभी तो मिलोगे तो पूछेंगे हाल...."..किशोर दा  के इस सदाबहार गीत के बरक्स मेरी मुलाक़ात  अरनब चटर्जी से होती है , बिलासपुर का यह संगीत साधक मुंबई में स्थायी होकर  अपना सिक्का जमाने लगा है। अब अरनब से मुलाक़ात हो और उनके संगीत के सफर की यादें ताजा  न हों, यह कैसे हो सकता है?लिहाजा कुछ रू-ब -रू  और कुछ बजरिये ई -मेल, बिलासपुर से माया  नगरी मुंबई तक उनसे संगीत सफर की यादों  के दरीचे खुले। " हमारे देश में बहुत गुणी  कलाकार हैं और संगीत को प्रोत्साहन मिलता हुआ देखा जा रहा   है"-इस कदर हौसला अफ़्जाई से सराबोर उनकी  जिंदगी के शीरीं-तल्ख़ तजुर्बे  से जुड़े  सवालों की सरगम आपके पेश-ए -नजर है -

 किशोर  - संगीत सीखने की  शुरुआत कब की?कैसे ? आपकी प्रेरणा ? परिवार में कोई अन्य इस क्षेत्र में हैं ?
 अरनब -बचपन से ही संगीत सीखने में रूचि थी। लेकिन संगीत सीखना शुरू किया जब मैं कॉलेज में था।सकरी गांव में  दोस्तों के  साथ गाना  गाने गया था। लौटने में काफी देर हो चुकी थी। माँ मेरी चिंतित थी। घर पहुंचकर जब माँ  से कहा कि मैं संगीत सीखना चाहता हूँ , मां ने कहा अगर संगीतकार बनना है तो संगीत सीखो। और , इस प्रकार मेरी यात्रा शुरू हुई। मेरी प्रेरणा गजलगायक  स्व. जगजीत सिंह जी हैं। हमारे परिवार में  हर किसी को कला से लगाव था और आज भी है। माँ , बाबा हमें  बचपन में हर फ़ंक्शन में ले जाया करते थे। चाहे वो नाटक हो ,जात्रा हो ,म्यूजिक हो ,.साहित्य से सम्बंधित कोई कार्यक्रम हो। जिसका फायदा हमें आगे चलकर मिला।


किशोर  -अपनी उपलब्धिया .? पुरस्कार और अवार्ड आदि। कोई खास अनुभव ?कोई समझौते  या डिमोरलाइज़ किये जाने के प्रसंग?

अरनब  -म्यूजिक अल्बम /टीवी सीरियल/फिल्म्स/रेडियो। एचएमवी से देशभक्ति गीत " तेरी जय हो वीर जवान " गायक  साधना सरगम ,जसवंत सिंह ,उद्भव ओझा  , शेखर सेन ,गीतकार अलबेला खत्री ,म्यूजिक अरनब चटर्जी।टी  सीरीज से   भजन " देवो में देव " गायक अनूप जलोटा,गीतकार मदन पाल ,  इखलास खान ,अंशु बख्शी ,संगीत अरनब चटर्जी। टी  सीरीज से गजल " मेरे ख़्वाब"गायक जसवंत सिंह ,गीतकार मदन पाल ,संगीत अरनब चटर्जी।
 मेग्ना साउंड से गुजराती भजन " प्रभु तारा नाम हजार "गायक नितिन मुकेश ,आशित  देसाई ,जसवंत सिंह ,,शेखर सेन शेखर सेन ,बाबुल सुप्रियो ,विनोद राठोड ,,गीतकार यतिन शाह, संगीत अरनब चटर्जी।अबरोल साउंड क्राफ्ट से भजन " विघ्नहर्ता " ,गीतकार सुरेश वाडकर ,साधना सरगम ,सुनील सोनी ,शुरजो  भट्टाचार्य ,गीतकार मदन पाल ,संगीत अरनब चटर्जी। छत्तीसगढ़ी फिल्म " झन  भूलो माँ  बाप ला ",गायक सुनील सोनी ,नारायण ग्वाला ,प्रिया  भट्टाचार्य ,पीटी उल्लास,संजय जैन ,,फिल्म निर्देशक सतीश जैन ,संगीत अरनब चटर्जी। हिंदी  मराठी फिल्म" ब्रेव हार्ट "गायक सुरेश वाडकर ,साधना सरगम ,गीतकार श्रीकांत भोजेवार,फिल्म निर्देशक दास बाबू , संगीत अरनब चटर्जी। शार्ट फिल्म " द ट्रुथ बिहाइंड ",फिल्म निर्माता आशित  चटर्जी ,,पार्श्व संगीत अरनब चटर्जी। डॉक्यूड्रामा फिल्म " सोनू और  सोनपरी "  फिल्म निर्माता दिनेश लखनपाल , संगीत अरनब चटर्जी। डीडी भारती   चैनल पर डॉक्यूमेंटरी फिल्म- वर्ली आर्ट/ बंधनी/थेवा  आर्ट।  फिल्म निर्माता दिनेश लखनपाल ,संगीत अरनब चटर्जी। डीडी सह्याद्री पर मराठी चैनल सांपला /मित्र ह्याला जीवन ऐसे नाव/बामनाश्रम।  निर्देशक दासबाबू ,टाइटल म्यूजिक अरनब  चटर्जी। इनसिंक चैनल मुंबई का एकल गीत वीडियो निर्देशक आशित  चटर्जी , शायर इखलास खान , गायन व् संगीत अरनब चटर्जी। आकाशवाणी" रागम " चैनल भजन , संगीत निर्देशक अरनब चटर्जी।
सम्मान व् सम्मानपत्र
1. छत्तीसगढ़ी फिल्म झन भूलो माँ  बाप ला सिल्वर जुबली ट्रॉफी,बतौर म्यूजिक डायरेकटर  .,फिल्म निर्देशक सतीश जैन
2. चक्रधर समारोह रायगढ़ 2014  में स्मृतिचिन्ह व् सम्मान पत्र
3. छत्तीसगढ़ हेरिटेज महोत्स्व महोत्सव 2015 ,रायपुर में स्मृतिचिन्ह
4. आईएनएस हमला मुंबई ,में देशभक्ति गीत रिलीज होने के वक्त स्मृतिचिन्ह I
5. जादबपुर एलमनी कुवैत चैपटर में कुवैत सऊदी अरब चैप्टर मोमेंटो
6. शार्ट फिल्म द  ट्रुथ बिहाइंड में संगीत सम्मान
7. छत्तीसगढ़ रत्न अवार्ड ,,बिलासपुर सीेएलएसयूएस
8.  रेडियो मुंबई द्वारा अप्रूव  म्यूजिक कम्पोजर

किशोर - शास्त्रीय और फ़िल्मी संगीत की  वर्तमान दिशा और  दशा।
अरनब --दोनों की दिशा और दशा अच्छी है। जो भी परिवर्तन आज दिखाई दे रहा है उसे यूं समझना चाहिए कि परिवर्तन हमेशा अच्छे के लिए होता है। हमको हमारे जमाने में जो होता है वो अच्छा लगता   है,लेकिन ऐसा नहीं है। आज के जमाने में यंग  स्टार्स शास्त्रीय संगीत बहुत अच्छा गा रहे हैं।   बल्कि शास्त्रीय संगीत और सुगम संगीत को मंच पर एक साथ प्रस्तुत कर और लोकप्रिय बन रहे हैं। आजकल तरह तरह के एक्सपेरिमेंट होने लगे हैं। जिसका आनंद श्रोता ज्यादा उठाने लगे हैं।  पूरी तरह से कहानी पर निर्भर होता है। उसमें बहुत परिवर्तन आया है। जो आज के बच्चों को बेहद पसंद है।

किशोर --. मुंबई में संघर्ष करने वाले युवा संगीतकारों को मायानगरी कितना प्रोत्साहित करती है?

अरनब ---मायानगरी अर्थात कलाकारों की नगरी। चकाचौंध भरी नगरी।  युवा संगीतकारों को माया  नगरी  वरिष्ठ कलाकारों का प्रोत्साहन मिलना चाहिए जो नहीं मिलता। हर कोई  नया आता है, पहली बार आता हैचीरे धीरे मेहनत करते करते परिपक्व होता जाता है। फिर वह नए संगीतकारों व् कलाकारों को भी उसी कठोर रास्ते से गुजारने पर मजबूर  है। .कुछ लोग चल पाते हैं कुछ लोग लौट जाते हैं। जो लौट जाते हैं उनमे से कुछ महान कलाकार भी होते हैं। जो रह जाते हैं साधारण कलाकार भी होते हैं जैसे मैं। कुल मिलाकर मेरा व्यक्तिगत अनुभव इस मामले में बहुत बुरा है।

किशोर ---संगीत का मनोविज्ञान ,विज्ञानऔर थेरपी (इलाज) से अन्तर्सम्बन्ध?
अरनब ----संगीत साधना की  कला है। ऋषि मुनि भी संगीत साधना किया करते थे। जो संगीत की सच्ची साधना करता है वह ऋषि मुनियों से  कम नहीं। संगीत मन को सुकून देता है। उदासी में संगीत आपकी दवा होती है। जब आप खुश हैं तब संगीत आपका साथी होता  है। आपको पता भी नहीं होता कि कब कहाँ कैसे संगीत आपको बिना बताये दवा और दुआ के रूप में कार्य कर जाता है।

किशोर --- .संगीत  में  " फ्यूजन "के क्षेत्र। …क्या इसे बढ़ावा मिलना चाहिए  ?

अरनब ---संगीत में फ्यूजन का जुड़ना एक नयी शैली जैसा है। जैसे 1. शास्त्रीय संगीत। 2 . अप शास्त्रीय संगीत 3 .सुगम संगीत 4 .फोक संगीत 5 .फ्यूजन संगीत 6 .एक ही थाली में आपको अनेक तरह के व्यंजन प्राप्त होने जैसा है। आजकल श्रोताओं को फ्यूजन  का  आनंद उठाते ज्यादा देखा जाता   है।
किशोर --- . संगीत  , वाद्य और प्रकृति  में क्या अंतर सम्बन्ध आप देखते हैं ?
अरनब ---तीनों में ईश्वर है।

किशोर ----   संगीत  को क्या तनाव शैथिल्य की प्रक्रिया का हिस्सा बनाया जा सकता है?

. अरनब ---मैंने ऐसे कई लोगों को देखा है जो बाथरूम में या अपनी आप ही गाना  गुनगुनाते हैं , चाहे उनकी आवाज अच्छी हो या न हो।वे गाने गुन गुनाकर रिलेक्स महसूस करते हैं। कई ऐसे रागो में आबद्ध गीत हैं जो रक्त चाप को नियंत्रित करने में सहायक हैं। आपको मालूम होगा कि मान की लोरी बच्चे के लिए कितनी सुकून देह होती है ,सुनकर वह सो जाता है। संगीतमय ध्वनियां, गीत , संगीत  निश्चित रूप से तनाव शैथिल्य का कार्य करते  हैं।

किशोर - मुंबई जाकर संगीत के क्षेत्र में अपनी तकदीर आजमाने वाले युवाओं को आपकी सलाह ?
( कोई विशेष सन्देश  )
अरनब ----जरूर मुंबई जाएँ। ,कोशिश करें। मुंबई  जाने से पहले संगीत सीखकर जाएँ। मुंबई जाकर भी संगीत सीखें  ही  कार्य करते रहें। बिलासपुर ,और छत्तीसगढ़ का नाम रोशन करें। सभी संगीत प्रेमियों को मेरी शुभ कामनाएं  .,गुरुजनों को प्रणाम ,छत्तीसगढ़ को नतमस्तक प्रणाम और जय जोहार!-    किशोर दिवसे
गायक-संगीतकार  अरनब  चटर्जी  contact-09892850562

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