तुम्हारी याद के जब जख्म भरने लगते हैं
किसी बहाने तुम्हें याद करने लगते हैं
समंदर से भी गहरा रिश्ता होता है किसी कि यादों का .जितनी गहराई में उतरते जाते हैं .....भूलने लगते हैं अपने आपको.यूँ कि किसी किसी कि जिंदगी में उनकी यादें , उनकी तमन्ना और उनका गम है लेकिन पूछो तो कहते हैं " कट रही है जिंदगी आराम से! दिल के दरवाजे से जब यादों कि बारात निकलती है तब जेहन में शहनाइयों के मीठे सुर गूंजने लगते हैं.तड़पकर इन सुरों की कशिश बीते दिनों को आवाज देकर बुलाने लगती है.....अपने करीब... और करीब.....
अक्सर तन्हाइयों में हम अपने सुख- दुखों का हिसाब - किताब लगाने बैठ जाते हैं .परिवार में जब भी कोई बाहर होता है या बिछुड़ जाता है तब बेहिसाब हो जाता है गमें जहाँ का हिसाब -
कर रहा था गमें जहाँ का हिसाब
आज तुम याद बेहिसाब आए
हम और तुम के इस नजदीकी रिश्ते में किरदार बदलते हैं पर धुआं -धुआं शाम और उदास हुस्न की फिजां में हर किसी का दिल अपने अपने गम हो चुकी कहानियों की कटी पतंगों के डोर के सिरों को तलाशता फिरता है.यादें -बचपन की ,जवानी के ,मुहब्बत की मजार पर आशिक या माशूका की ,अपने रिश्तों की मां की लोरी ,नानी या दादी की , स्कूल या कालिज के दोस्त या सहेली की .....कसम से....यासों की तड़प तो सिर्फ तो याद करने वाला दिल ही समझ सकता है.छट पटाहट तो तब होती है जब- जिन्हें हम भूलना चाहें वो अक्सर याद आते हैं
बुरा हो उस मुहब्बत का वो क्यूँ कर याद आते हैं
नौजवान दिलों ने अक्सर यादों से बने जख्मों का दर्द महसूस किया है.कुछ लोग सारी जिंदगी काट देते हैं -आधी किसी की याद में , बाकी भुलाने में !यह भी सच है की अगर याद नहीं आती तो बरसों नहीं आती . लेकिन याद आ गई तो अक्सर याद आती है.यादों के दरीचे जब खुलते हैं,तन्हाई में भी अकेलापन महसूस नहीं होता .... न जाने उदासी कहाँ फ़ना हो जाती है .फिर भी जब दो टूटे हुए दिलों को जिंदगी एक -दूसरे की मीठी यादों का तोहफा देती है तब वे दोनों ही गुन गुनाने लगते हैं -
चलो बाट लेते हैं अपनी सजाएँ /न तुम याद आओ न हम याद आयें
सभी ने लगाया है चेहरे पे चेहरा / किसे याद रक्खें किसे भूल जाएँ
कुछ लोग दावे से कह जरूर देते हैं क़ि तुम्हारी यादें तुम्हें सौंप देते हैं लेकिन अकेले में पूछकर देखिये अपने दिल से क़ि क्या कभी यह मुमकिन है ? यादों के जुगनू कभी टिमटिमाना नहीं छोड़ते . और,किसने कहा क़ि यादों को भुलाना भी जरूरी है?किसी क़ि यादें मीलों दूरी के बावजूद उसकी साँसों और उसके स्पर्श तक का एहसास कराती हैं ... यही है यादों क़ि ताकत.यादों के जरिये ही बनती हैं कहानियां , आत्म कथाएं , यात्रा- संस्मरण और पंखिल कविताओं का संसार .यादें तो यकीनन इंसान का अपना साया है और इसी लम्हे को जीकर कहा गया है ----
कई साल बाद आज ऐसा हुआ
बड़ी देर तक खुद को हम याद आये
पर खुद को नहीं अपनी जिन्दगी में हर एक इंसान क़ि अच्छाइयों को याद कीजिये .यूँ तो बुरे वक्त के साथियों को याद कौन रखता है? इसलिए तो सुबह होते ही चिरागों को बुझा देते हैं लोग.लेकिन प्यार के दीवानों क़ि आँखों पर एक- दूसरों के प्यार का पर्दा पड़ा रहता है.वे दोनों यही कहते हैं - " देखूं किसी और को भी , तेर चेहरा दिखाई दे"
दद्दू कहते हैं ," फ़रिश्ता भी खुदा को भूल जाता होगा लेकिन इंसान क़ि अपनी यादें रेत पर क़दमों के निशाँ क़ी तरह साथ चलती है.मरने से पहले भी इंसान के सामने सारी जिंदगी यादों क़ी शक्ल में चल-चित्र क़ी तरह घूमने लगती हैं.यादें हर किसी के लिए सहेजकर एक- दूसरे में बाटना या उसे लेखकीय रचनाधर्मिता से जोड़ना अद्भुत अनुभव है.अचानक दद्दू मुझसे बड़ा अजीब सा सवाल करते हैं.,"अखबार नवीस !हर इंसान को एक न एक दिन इस दुनिया से विदा होना पड़ता है .क्या तुम बता सकते हो क़ी अपने चाहने वालों को तुम किस तरह याद आना चाहोगे?
भौचक था मैं दद्दू के इस अजीबो-गरीब और काल्पनिक सवाल पर. फिर भी वाह सवाल तो था ही और जवाब देना भी उतना ही जरूरी.कुछ पल रूककर मैं सोचता रहा और एकाएक दिल क़ी बाट मेरी जुबान पर आ ही गयी.क्या एस होगा यह तो आप खुद ही महसूस करेंगे अपने दिल में .मैंने दद्दू से कहा---
बस इतनी दाद देना बाद मेरे , मेरी उल्फत को
क़ी याद आऊं तो अपने आपको प्यार तुम कर लेना.
अपना ख्याल रखना.....
किशोर दिवसे
मोबाईल;०९८२७४७१७४३
1:09 am
पोस्ट बहुत अच्छी लगी| धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंसर, मैं तो फ़िदा हो गया पढ़कर. वाह! वाह! वाह!
जवाब देंहटाएं---
शेरो-शायरी से सजा आपका पोष्ट बहुत अच्छा लगा। जारी रखियेगा। आभार!
जवाब देंहटाएंब्लाग की दुनिया में आपको अवतरित पाकर बड़ी खुशी हुई। हार्दिक शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंतुम्हारी याद के जब जख्म भरने लगते हैं
जवाब देंहटाएंकिसी बहाने तुम्हें याद करने लगते हैं
वाह वाह बहुत अच्छा लिखा है। आनन्द आगया। लिखते रहिए।
इस नए सुंदर से चिट्ठे के साथ हिंदी ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!
जवाब देंहटाएंख़बरों की दुनिया ,अमित ,डा. आलोक, राजेश भाई ,शोभा जी ,सुरेन्द्र भाई और संगीता जी सभी को प्यार भरा धन्यवाद . आपके शब्द ही मेरा हौसला बढ़ाते हैं. सुरेन्द्र भाई ने वर्ड वेरिफिकेशन हटाने की सलाह दी है . उसपर ध्यान दूंगा. आप सभी अपनापन बनाये रहिये. - आपका किशोर दिवसे
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर लिखा है …………बेहद प्रवाह है।
जवाब देंहटाएंहिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
जवाब देंहटाएंकृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपने बहुमूल्य विचार व्यक्त करने का कष्ट करें