अत्तदीप भव।।
क्या समाज इसे सच्चे दिल से स्वीकार रहा है? हाँ? नहीं? ?कैसे? सिद्धार्थ , बोधिवृक्ष के नीचे बुद्ध बन गए। क्या हमने /आपने / किसी ने " बोधिवृक्ष " (?) की तलाश की? क्या हो सकता है आज के इंसान का बोधि वृक्ष? वक्त मिला जिंदगी की अनवरत रस्साकशीं में इस तलाश लिए? इंसान बनना है तो आपको खुद ही अपने हर सवाल, हर समस्या का जवाब ढूँढना होगा। क्या आप तैयार हैं? चलिए बुद्ध की सीखों को आज सन्दर्भ में समझने की कोशिश खुद करें! अत्तदीप भव!
क्या समाज इसे सच्चे दिल से स्वीकार रहा है? हाँ? नहीं? ?कैसे? सिद्धार्थ , बोधिवृक्ष के नीचे बुद्ध बन गए। क्या हमने /आपने / किसी ने " बोधिवृक्ष " (?) की तलाश की? क्या हो सकता है आज के इंसान का बोधि वृक्ष? वक्त मिला जिंदगी की अनवरत रस्साकशीं में इस तलाश लिए? इंसान बनना है तो आपको खुद ही अपने हर सवाल, हर समस्या का जवाब ढूँढना होगा। क्या आप तैयार हैं? चलिए बुद्ध की सीखों को आज सन्दर्भ में समझने की कोशिश खुद करें! अत्तदीप भव!
2:31 am
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