गुरुवार, 7 अप्रैल 2011

नारी अपनी हेल्थ मैनेज करना सीखे

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नारी अपनी हेल्थ मैनेज करना सीखे  

दरअसल  नारी स्वास्थ्य का मसला बहु आयामी समस्या है.पहले यह इमोशनल मुद्दा रहा . आपने मुझपर या मैंने आपके स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दिया. अब व्यावहारिक तथ्य यह है की अपनी हेल्थ  खुद मैनेज करनी होती है. आप डाक्टर है. डाक- पेशंट बांडिंग को खूब समझती होंगी . प्रोफेशनलिज्म ने इसकी धज्जियाँ उड़ाकर रख दी. आजकल कुछ डाक्टर  मुन्ना भाई  एमबी बीएस  के उस डायलोग से भी प्रभावित हैं जिसमे कहा गया है," मै मरीज से प्यार नहीं करता" ( क्या सिर्फ लूटने के लिए हो?)नई जीवन शैली के तनाव अनेक हैं . दारु की दुकाने, पिज्जा हट, पब, डिस्को अनेक मिल जाएँगे. स्वास्थ्य मसले पर कौंसिलरों की संख्या बेहद कम और अवेयरनेस भी नहीं. इस इशू पर एनजीओ  पैसा हजम करने में रुचि ज्यादा लेते है और कागजी शेर बने बैठे है. आई एम् ए भी सरोकारों से दूर है. नारी स्वास्थ्य की बात है तो नारी संगठन  महज कास्मेटिक नहीं वरन गंभीरता से काम करें  खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में समस्याओं का अम्बार लगा है. बेहतर है  कई बार घर - बाहर की दोहरी जिम्मेदारी सम्हालने वाली महिलाए  घरू पुरुषो को उनकी जिम्मेदारी का एहसास दिलाकर अपनी ब्यूटी के साथ हेल्थ के प्रति कुछ ज्यादा सचेत  हो जाएँ.

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