सबसे खूबसूरत दिल वही जो बांटता है प्यार !
"कुछ लोग ऊपर से तो बड़ी चिकनी-चुपड़ी और मीठी -मीठी बातें करते है लेकिन उनके मन में जहर भरा होता है.ऐसे मिठलबरा इंसानों के पेट में दांत होते हैं."
"ठीक कह रहे हो ... कुछ तो नारियल की तरह होते हैं ,ऊपर से सख्त लेकिन भीतर से उतने ही नर्म और कोमल"
" सच कहा ,हरेक इंसान की सूरत और सीरत होती है.सूरत भले ही अच्छी न रहे पर सीरत अच्छी होनी चाहिए."
" बस.. वैसे ही जैसे भोला -भाला चेहरा और दिल बेईमान है.यानी तन के उजले ,मन के काले!बातचीत के दौरान अक्सर यह कहते सुना जाता है कि अमुक बड़े प्यारे दिल का इंसान है.वह हर दिल अजीज बन जाता है.वहीँ जिसके दिल में खोट है वह लाख छुपाने पर भी छुप नहीं सकता."
यूं ही समय काटने के लिए दद्दू और मैं गपिया रहे थे.मसला अच्छे और बुरे दिल का था.दद्दू बोले,"अखबारनवीस! ये दिल कैसी बला है मैं तो समझ ही नहीं पाता." मैंने कहा " दद्दू ! ये दिल की सियासत भी बड़ा ही अबूझ तिलस्म है.बस इतना ही समझ लो -
दुनिया की बलाओं को जब जमा किया मैंने
धुंधली सी मुझे दिल की तस्वीर नजर आई
पर अखबारनवीस, अगर किसी के दिल की तस्वीर धुंधली सी नजर आए तो समझना क्या मुश्किल नहीं होगा कि अमुक इंसान का दिल अच्छा है या बुरा! "दद्दू ने फिर सवाल किया. " देखो दद्दू,किसी का दिल अच्छा है या बुरा यह पता लगाने उसे गहराइयों तक समझना होता है.हालाँकि यह अनुभव की बात है पर एक किस्सा सुनो... सारी बात आईने की तरह साफ़ हो जाएगी.
" इस शहर में मेरा दिल सबसे खूबसूरत है " एक नौजवान शहर के बीच चौराहे पर खड़े रहकर चुनौती भरा दावा कर रहा था .थोड़ी ही देर में वहां पर जबरदस्त भीड़ इकठ्ठा हो गई .सभी ने महसूस किया कि उसका दिल एकदम चंगा है.उसके दिल पर कहीं कोई जख्म नहीं था.न कहीं रिश्ता हुआ लहू, न कोई निशान.
"सचमुच यह सबसे खूबसूरत दिल है" पहले ने कहा.
" मैंने तो इससे प्यारा दिल कहीं नहीं देखा" दूसरे ने हामी भरी. धीरे-धीरे सभी लोग एक-दूसरे से सहमत होने लगे..""फिर क्या हुआ अखबारनवीस !" दद्दू ने अधीर होकर पूछा .
"अरे सुनो तो यार! वह नौजवान बड़े घमंड से " खपती" की तरह अपने खूबसूरत दिल पर इतराने लगा.
अचानक ही भीड़ को चीरता हुआ एक बूढा बीचो-बीच आकर खड़ा हो गया.उसने नौजवान को चुनौती दी.," ओ नौजवान!आखिर तुम्हारा दिल मेरे दिल की तरह खूबसूरत क्यों नहीं है?" चौंक गया वह नौजवान.उसने बूढ़े के दिल में झांककर देखा.उसका दिल मजबूती से धडक रहा था .लेकिन ओह! उसके दिल पर जख्मों के अनेक निशान थे.उस दिल में कई जगहों से मांस के टुकड़े गायब थे.अनेक जख्मों पर गोश्त के टुकड़े कहीं से बड़े ही बेतरतीब ढंग से चिपका दिए गए थे.उस नौजवान ने हैरत भरी आँखों से देखा... बूढ़े के दिल में कुछ स्थानों पर गहरे गड्ढे दिखाई दे रहे थे.वहां सिर्फ सूराख ही नजर आ रहा था.
समूची भीड़ की आँखें एक ही सवाल कर रही थी ,"यह बूढा किस तरह दावा कर रहा है kii उसका दिल सबसे खूबसूरत है" वे किंकर्तव्य विमूढ़ थे.उस बूढ़े के दिल की ऐसी हालत देखकर नौजवान ने उपेक्षा भरा ठहाका लगाया और कहा ,"इस बुढापे में ऐसा भद्दा मजाक करना आपको शोभा नहीं देता.कहाँ मेरा दिल चुस्त-दुरुस्त और कहाँ आपका -सैकड़ों जख्मों से भरा और आन्सूनो के सैलाब में डूबा हुआ !"
अब उन बूढी आँखों ने नौजवान को गहराई से देखकर कहा ," अरे नौजवान!तुम्हारा दिल सिर्फ दिखने में अच्छा है पर उसे कसौटी पर नहीं परखा गया है तुम जानते हो?मेरे दिल पर बना हर एक निशान उस इंसान का प्रतीक है जिसे मैंने अपना प्यार दिया है.मैं अपने दिल का टुकड़ा उस इंसान को दे देता हूँ जिसने मेरा प्यार हासिल किया है.यह बात सच है कि कुछ लोग बदले में अपने दिल का टुकड़ा दे देते हैं.कई बार मेरे दिल के जख्मों पर वे टुकड़े बेतरतीब लगते है अपने दिल पर मौजूद पैबन्दों से भी मैं खुश हूँ क्योंकि वे मुझे प्यार बांटने का एहसास दिलाते रहते हैं.और इस दिल में सूराख बने हैं न वो इसलिए क्योंकि कुछ बेगैरत इंसानों ने मेरे प्यार के बदले अपने दिल का टुकड़ा नहीं लौटाया.
भीड़ में सन्नाटा छा गया.वह नौजवान सम्मोहित सा उस बूढ़े की और देखने लगा.," सुनो नौजवान!देख रहे हो मेरे दिल के सूराखों को ? किसी को अपना प्यार देना "शतरंज की बाजी" खेलना है ये खुले जख्म काफी दर्द भरे हैं फिर भी ये हमेशा मुझे यही याद दिलाते हैं ,"मैंने कभी इन्हें अपना प्यार दिया था.मुझे उम्मीद है की लोग कभी किसी रोज मेरा प्यार लौटाकर इस दिल के खुले जख्मों को भर देंगे.
" अब तुम्हीं बताओ नौजवान! कौन सा दिल प्यार के काबिल है? तुम्हारा जो कोरे कागज की तरह है या मेरा जिसने प्यार बांटकर जख्म हासिल किये हैं"-उस बूढ़े की दर्द भरी आँखों में सवाल था .नौजवान की आँखों से आंसूओं की धाराएं बह निकली.वह उस बूढ़े के पास गया और अपने खूबसूरत दिल का टुकड़ा निकालकर कांपते हुए हाथों से उसे सौप दिया.
तत्काल ही बूढ़े ने अपने जख्मी दिल का टुकड़ा निकालकर नौजवान के दिल में लगा दिया.नौजवान ने देखा उसका दिल दिखने में सही नहीं था लेकिन पहले से कहीं खूबसूरत बन गया था.भले ही बूढ़े के दिल का टुकड़ा बेतरतीब ढंग से लगा था.दरअसल बूढ़े के दिल से प्यार का सैलाब उस नौजवान के दिल में समा गया था.कुछ देर बाद वह भीड़ भीगी हुई आँखों से देख रही थी ... उस बूढ़े और नौजवान ने एक-दूसरे को गले लगा लिया.अब वे साथ -साथ चलने लगे थे.
साथ-साथ चलते हुए दद्दू ने पुछा ," अखबारनवीस ! खुले दिल के ... साफ़ दिल और अच्छे दिल के लोग सभी को पसंद आते हैं .यह तो बताओ की आपके दिल में कौन है?" यार छोडो भी!उस वक्त तो दद्दू को मैंने टाल दिया था पर यही सवाल चूंके आपने भी पूछा है ,तब तो बताना ही पड़ेगा न -
पूछते क्या हो कि दिल में कौन है
लो यह आइना उठाकर देख लो!
अपना ख्याल रखिए...
किशोर दिवसे
2:36 am
प्यार दो, प्यार लो.
जवाब देंहटाएंवाह..किशोर जी
जवाब देंहटाएं...बेशक़ प्यार ज़िन्दगी है..
किशोर भैया,
जवाब देंहटाएंआपने बिलकुल सही कहा,जिस दिल में प्यार न हो,वह दिल नही पत्थर है।
-चुन्नीलाल कैवर्त
राहुल भाई,शोएब भाई जान, चुन्नी भैया,
जवाब देंहटाएंइंशाल्लाह...आज का समाज , प्यार का समग्र रूप में एहसास करना शुरू कर इस शब्द की परिभाषा को भी समय सापेक्ष बनाएगा.