शुक्रवार, 15 जुलाई 2011

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कृष्ण करे  तो रास लीला, हम करें तो...

राष्ट्रपति की गोवा यात्रा निजी थी या सरकारी -शीर्षक से आशीष कुमार ने कई अत्यधिक प्रज्ज्व्लन्शील   मुद्दे उठाये हैं.अगर समुद्र तट कानून के नजरिये में सार्वजनिक स्थान है तब छायाचित्र लेना क्यों गलत है?यह भी सच है कि २०० मीटर का घेरा भारतियों के लिए प्रतिबन्ध , विदेशियों के लिए नहीं? रहा सवाल  भ्रष्टाचार का- मै  तो दो टूक इस राय का हूँ कि - अगर कोई इंसान है, भारतीय नागरिक है तब उसके भ्रष्टाचार पर टिप्पणी करने का नागरिक अधिकार  होना चाहिए ..चाहे वह किसी भी क्षेत्र में किसी  भी पद पर क्यों न  हो. 

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1 टिप्पणी:

  1. अभिव्‍यक्ति की स्‍वतंत्रता के मामले में शायद भारत से अधिक खुला प्रजातंत्र और कोई नहीं.

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