आज से मेरे फन का मकसद है जंजीरें पिघलाना
आज से मैं शबनम के बदले अंगारे बरसाऊँगा
चुनौती भरे 1095 दिन
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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने राज्य के अगुवा की हैसियत से शनिवार को 12 बरस पूरे कर लिए .निश्चित रूप से यह लम्हा उनके लिए " क्या पूरा किया,क्या बचा और क्या करना है "इस मसले पर मंथन का है .2003 में जब रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ की सत्ता सम्हाली थी परिदृश्य कुछ अलहदा था .आज मुख्यमंत्री और नागरिकों का साझा अनुभव तो यही दर्शाता है कि राज्य में काफी कुछ सकारात्मक हुआ और जो न हो सका उसपर रुदन और भड़ास के बजाये ,बजरिये हर नागरिक की भागीदारी पूरा किया जाना चाहिए .समग्र मीडिया की डेवलपमेंटल थ्योरी का बुनियादी सिद्धांत भी यही है .
सूखा- हालातों के बरक्स जश्न न मनाने का फैसला श्लाघ्य है .फिर भी किसानों की बुनियादी समस्याओं का हल उनकी सक्रिय भागीदारी से लघु व् दीर्घ कालिक योजना बनाकर उनपर फौरी अमल से किया जाना वक्ती मांग है .रहा सवाल छत्तीसगढ़ की पुरानी और वर्तमान अपेक्षाओं ,अधूरे सपनों और जनाकांक्षाओं के अक्षयपात्रों का ,इसपर सोचने और अमल की प्रक्रिया फिलवक्त यही स्फटिक संकेत देती है कि इस मुद्दे पर ठोस पहल करने हर सकारात्मक व्यक्ति के लिए - गेट, सेट एंड गो!
अधूरे काम पूरे न होने या गड़बड़झालों के लिए बहाने अनेक बनाये जा सकते हैं . आरोप की सुई मॉनिटरिंग की कमी, अफसरशाहों या अमल करने वाली एजेंसियों की ढिलाई ,फंड की कमी, सियासी इच्छा शक्ति का टोटा या नागरिकों की गैर जिम्मेदारी को भी इंगित कर सकती है .छोड़िये इन बातों को -अब समूचे छत्तीसगढ़ को ही विजन रखना होगा - FOCUS ON MULTI - DIMENTIONAL DEVELOPMENT .
निश्चित तौर पर मुख्यमंत्री रमन सिंह ने इसी वजह से कनेक्टिविटी पर ही फोकस किया है .जिस राज्य की अधो संरचना शहरी . ग्रामीण और ख़ास तौर पर " मीडिया डार्क एरियाज " में बराबरी से पुख्ता होती है वह बहुआयामी विकास की मैराथन में आगे ही आगे बढ़ता है .इसके बरक्स रेल , सड़क और डिजिटल कनेक्टिविटी को रमन सिंह अपनी तीसरी पारी में सर्वोच्च वरीयता पर रखते हैं , तब राज्य का विकास खुद ब खुद अपना बयान - ए- हकीकत -करेगा .बस्तर , सरगुजा और छत्तीसगढ़ के दीगर सीमावर्ती और माइक्रोरिमोट क्षेत्रों के लिहाज से से इन मुद्दों पर फौरी कार्ययोजना -अमल निहायत अव्वल दर्जे का एजेंडा होना भी चाहिए .
बेनज़ीर "प्रतिपक्ष साधक " मुख्यमंत्री रमन सिंह को स्पेशल 12 + क्लब में शामिल होने पर बधाइयां .अब तीसरी पारी यानी 15 साल की मियाद पूरी होने में महज 1095 दिन बाकी रह गए हैं .मार्क्स तूलियस सिसेरो ने कहा है,"A MAN OF COURAGE IS ALWAYS FULL OF FAITH ". अगर विकास की नीयत से वाजिब प्रशासनिक सख्ती बरतनी जरूरी होती है तब ऐसा करना भी मौजूं होगा , बकौल साहिर लुधियानवी -
आज से मेरे फन का मकसद है जंजीरें पिघलाना
आज से मैं शबनम के बदले अंगारे बरसाऊँगा
लक्ष्य साफ़ है पर हर- पल सामने है चुनौती -जेहन में पैबस्त अधूरे सपने पूरे करने की.....आम जन को विकास की आत्मा से जोड़कर जिम्मेदार और जवाबदेह बनाने की .......नौकरशाहों का " इगो" साधने की....न तो यह असाध्य लक्ष्य है न ही नामुमकिन.सियासी इच्छा शक्ति और जवाबदेह जनमानस बनाने के कारगर अस्त्रों से यह निश्चित रूप से काबिल -ए -हासिल है .
11:12 pm
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