मैच जीतकर मुह मीठा कर लिया.खुशिया भी मना ली. धोनी ब्रिगेड को बधाई.... मोहाली का महायुद्ध ,भारत-पाक सेमीफाइनल किसी भी सूरते हाल में फाइनल से कम रोमांचक नहीं था. बावजूद इसके खिताबी मुकाबला उतना ही मजेदार होगा यह भरोसा है.जीत के जश्न में मोबाइल पर किस्म-किस्म के मैसेज आए.पहले तो कंगारू... फिर शेर... अब राम और रावण... मसखरी की कोई हद नहीं होती.
यह न भूले की भारत की जीत तश्तरी में परोसी हुई नहीं मिली है. पाकिस्तान ने रणनीति में चूक की जिसका खामियाजा उसे मिला. पाकी मंत्री के बयां का मानसिक दबाव दूसरी वजह कही जा सकती है. कोई बात नहीं सचिन कई सेंचुरी न बनी , वे अब भी सर्मौर है. यकीनी तौर पर सहवाग और हमारे कुछ बल्लेबाज क्रीज पर कुछ भरी स्कोर करते तब जीत का मजा दुगुना हो जाता. मिस्बाह और आफरीदी अच्छी तरह जमते तो उनकी टीमके बचने की गुंजाइश थी. खैर खिताबी मुकाबला जो मुंबई में २ अप्रैल को होगा ,वानखेड़े स्टेडियम की धडकनें तेज कर चुका है .यकीनी तौर पर फाइनल में अपना भारत है इमोशनल होना स्वाभाविक है पर बेहतर खेल और रणनीति ही जीत की बुनियाद बनती है. सो, भारत और श्रीलंका के किरकिटिया जिहाद में हम फिर मिलेंगे . अजय जडेजा की बात सही है,मामला इमोशनल है. हम जीतेंगे टीम के हौसले पर पूरा भरोसा है. फिर भी पिच पर दुश्मन को कमजोर क्यों समझा जाए? तब तक... बक अप धोनी ब्रिगेड .... एंड होप वी विल सी फाइन क्रिकेट एट वानखेड़े .....
12:05 am
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