गुरुवार, 26 दिसंबर 2013

बुरी नजर वाले तेरा मुह काला

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बुरी नजर वाले तेरा मुह काला -किसी ट्रक  के पिछवाड़े पर यह इबारत लिखी थी। ये नजर लगने का गणित अब तक मेरी समझ में नहीं आया। किसे ,कब, क्यों, कहाँ , कैसे ,नजर लगती है?नजर क्या सिर्फ -  खूबसूरत लोगो को लगती है या फिर हमारे जैसे काले -कलूटों को भी? किसी के घर जाओ -वापस लौटने पर कहा जाता  है- अरे  तुझे उस बुढ़िया की नजर लग गयी होगी!क्या उस बुढ़िया को भी किसी की  नजर लगती होगी?उस घर में रहने वालों को उसकी नजर क्यों नहीं लगती?क्या किसी भी उम्र वाले को हर उम्र वाले की  नजर लग जाती है?क्या पत्नी  गोरी  हो और पति काला - तो उसे साथ-साथ  रहने पर नजर नहीं लगती? परंपरा और विज्ञानं के तर्क के बीच अक्खे दिमाग का दही बन गया है!मेरी बीबी ने अगर गलती से यह पोस्ट पढ़ ली तो जरूर कहेगी- अरे! तुम्हे किसी की नजर लग गयी है , ऊल-जलूल  बकवास कर रहे हो!( वैसे अपुन को आदत है)
अब आप ही बताओ,( सीरियसली ) ये नजर लगने का मामला क्या है? अगर नहीं बताओगे तो - जा!तुझको हमारी नजर लग जाये!

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