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हम क्यों बने रहते हैं कछुए!!! हम क्यों बने रहते हैं कछुए!!!! एक बार एक कछुआ परिवार पिकनिक मनाने गया.अब कछुओं के बारे में नौ दिन चले अढाई कोस वाली कहावत तो आपने सुनी होगी.तैयारी करने में ही उन… Read More
" जाति -बंधन से लहू लुहान होते दिलों के रिश्ते.. " जाति -बंधन से लहू लुहान होते दिलों के रिश्ते... आंसुओं के मोती झर-झर के वहीँ पर गिरे जहाँ पर अखबार के कालम में ढेर सारे क्लासिफाइड छपे थे.- बंगाली वर चाहिए,सजातीय श्रीवास्तव..… Read More
जुल्म सहना भी जुर्म है यारों ! जुल्म सहना भी जुर्म है यारों। हर तरफ जुर्म ही जुर्म।.. प्रिंट मीडिया हो या इलेक्ट्रानिक मीडिया&nbs… Read More
किसने भीगी हुई जुल्फों से झटका पानी झूम के आई घटा ,टूट के बरसा पानी किसने भीगी हुई जुल्फों से झटका पानी झूम के आई घटा ,टूट के बरसा पानी ==================================================== खुली खिड़की के रोशन चौरस टुकड़े से बाहर सब कुछ नजर आ रहा था -साफ़… Read More
अपनी ही साँसों का कैदी, रेशम का यह शायर शहतूत की शाख पे बैठा कोई … Read More
1:07 am
ffhgh
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