मंगलवार, 31 अगस्त 2010

सोमवार का अख़बार नामा

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दोस्तों खेल की दुनिया में फिर से भारत को फिक्सिंग के दलदल में धसता देखकर मन दुखी हो गया.इधर पाक टीम भी शक के दायरे में है.मुहम्मद आसिफ की प्रेमिका का बयां चौकाने वाला है.पाक क्रिकेटरों पर सादे अंडे और टमाटर बरसते है तो कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए । हैरत की बात है की आतंकी भी गडबडझाले पर सियासी रोटी सेकने चले है.दुनियावी स्तरपार गंभीरता से सोचने का यही सही वक़्त है.छत्तीसगढ़ की बात करे तो सचमुच यह अच्छी बात है की पोलावरम बांध बन्ने से राज्य सर्कार इसलिए न्खुश है की जंगल कटेंगे । सवाल इस बात का है की क्या अभी जंगल नहीं कट रहे है?भीतर की कहानी कुछ और है.पोलावरम को सियासी मुद्दा बनाया जा रहा है ?कई मामले ऐसे है की समाज से नैतिक मूल्यों का पतन रोकने का हल ढूढने का मन करता है। आज इतना ही कल फिर बात होगी। शुभ रात्रि ॥ शब्बा खैर.

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