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घूंघट के पटऔरत के अक्स से क्यूँ चटखता है आइना अपनी श्रीमती जी की झिडकी का चार सौ चालीस वोल्ट करंट लगते ही दद्दू भकुआ गए थे .झोला उठाया और बृहस्पति बाज़ार का सब्जी मार्केट जाने से पहले आदतन काफी हॉउस की झड़… Read More
संगीत का करिश्मा तेरे मेरे ओठों पे ,मीठे-मीठे गीत मितवा *जिस इंसान के भीतर संगीत नहीं ... मीठी धुन से जो स्पंदित नहीं होता वह मुर्दा दिल ,बेजान छला जाने वाला तथा विश्वासघात करने लायक है-शेक्सपीयर *जिस गी… Read More
जिंदगी थी कोई अनारकली.......वक्त बेरहम मुगले आजम था.....अब बूढी हो गई हूँ बेटा...क्या पता कब ऊपर से बुलावा आ जाए !बस... एक ही इच्छा रह गई है मन में .बहू की गोद भर जाए और नन्हा मुन्ना आँगन में खेलने लग जाए.ख़ुशी-ख़ुशी आँखे मूँद लूंगी अपनी.ब्याह के बा… Read More
"बाल" दिवस पर"उजड़े चमन बनाम तेरी जुल्फों की याद आई... उन्होंने अपनी गंजी चाँद पर हाथ फेरा और दसों अँगुलियों के नाखूनों को रगड़ते हुए दीवार पर लगे फ्रेम की ओर देखकर लगे थे कुछ सोचने."क्या बात है दद्दू!बाबा र… Read More
चलो उड़ चलें...ऍ मसक्कली मसक्कली ...उड़ मटक्कली ..मटक्कली..... कुँए के मेंढक और समंदर की शार्क में फर्क होता है जमीन -आसमान का.बरास्ता जिद, जूनून और जिहाद कोई इंसान अपना किरदार ... तकदीर और तदबीर कुँए के … Read More
12:15 am
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