शुक्रवार, 31 दिसंबर 2010

परिवर्तन है नए वर्ष का सन्देश

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तारीख -३१ दिसंबर वक्त  दोपहर   ( शाम के बाद समय नहीं मिलेगा इसलिए) ह़र किसी का अपना अलहदा अंदाज होता है बीते बरस को अलविदा कहने का.वर्ष २०१० की विदाई और २०११ का  स्वागत करने प्लानिंग अमूमन पहले से ही हो जाया करती है.कईयों ने सोचा की आउटिंग कर ऐश करे और रात दारू-शारू के साथ मजे लें. नव- धनाढ्यों  का कुनबा बड़ी होटलों में साल की विदाई पार्टी के साथ "रात रंगीन " करने शराब -शबाब के...

रविवार, 19 दिसंबर 2010

दुम मरोड़ने का शुक्रिया

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राहुल भाई ,वर्तनी में भद्दी चूक ब्लॉग के ट्रांसलेटर से  रोमन स्क्रिप्ट के जरिए कम्पोज करते वक्त हड़बड़ी में हो जाती हैं. आइन्दा ख्याल  रखूंगा.  ब्रज किशोर सर जी, आपने ठीक कहा,कुछ जगहों पर कुछ चीजें बची हैं अभी. सवाल यह है कि उन्हें सहेजने पर कब कौन कैसे सोचता है. वैसे सर जी,ऐसी परम्पराओं का आवेग कर्नाटक में ही नहीं दीगर कई राज्यों में भी नजर आ  रहा है. छत्तीसगढ़ में भी व्याप्त...

शुक्रवार, 17 दिसंबर 2010

उनके नाम पर छी... उनके नाम पर थू.!!!!!!!!!!

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     १३ दिसंबर के हिन्दुस्तान टाइम्स में एक रिपोर्ट पढ़ी थी.शनिवार को कोई चैनल भी इसे जोर-शोर से दिखा रहा था. इस रिपोर्ट के मजमून ने रोंगटे खड़े कर दिए.हालाकी हमारे यहाँ कुछ परम्पराएं अच्छी है पर कुछ इतनी हद दर्जे की वाहियात है की उन्हें समूल ख़त्म करने पर समाज जब सोचने की भी जहमत मोल नहीं लेता तब जबरदस्त कोफ़्त  होती है.                    ...

गुरुवार, 16 दिसंबर 2010

मैं नाना बन गया...

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    .मेरे प्यारे दोस्तों , काफी वक्त बाद आपसे रू-ब-रू हो रहा हूँ.दरअसल मैं नाना बन गया हूँ.बेटी सपना ने बेटे को जन्म दिया हैपिछ्ली  ३ तारीख़ को. व्यस्त था सो आपसे बात नहीं कर पाया. नन्ही जिंदगी के साथ वक्त बिताना अपने और अपने बच्चे के भी बचपन की तमाम यादों के दरीचे को पलटना सा लगता है. नाना बनने का रोमांच अपने साथ न जाने कितनी जिम्मेदारियों का एहसास करा जाता है. याद आ जाती है अपने...